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मुस्लिम क्लासमेट से शादी करके खतरे में डॉक्टर! शहर बदलने पर भी हो रहे जानलेवा हमले

उज्जैन के रहने वाले डॉक्टर ने दो साल पहले अपनी मुस्लिम सहपाठी से वैदिक रीति से विवाह किया था. लेकिन तभी से कुछ लोग उन्हें जान से मारने की धमकी देने लगे. जिसके कारण उन्हें अपने ठिकाने बदलने पड़ रहे हैं. पुलिस ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी समुचित सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई. उल्टा सलाह दी कि वे प्राइवेट गार्ड हायर कर लें.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

मुस्लिम सहपाठी युवती से विवाह करना एक डॉक्टर के जीवन के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहा है. कुछ लोग लगातार दंपति को परेशान कर रहे हैं. पुलिस ने जब कोई मदद नहीं की तो डॉक्टर दम्पत्ति ने हाईकोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई. जिसके बाद हाईकोर्ट ने पुलिस को स्पष्ट निर्देश भी दिये कि दंपति को सुरक्षा दी जाए. लेकिन कमाल की बात ये है कि पुलिस ने हाईकोर्ट के आदेश को भी अनदेखा कर दिया.

दरअसल, उज्जैन निवासी डॉक्टर भारत शर्मा ने दो साल पहले अपनी मुस्लिम सहपाठी डॉक्टर से वैदिक रीति से विवाह किया था. लेकिन यह लव मैरिज उनके परिवार के लिए खतरा बन गया. कुछ लोग उन्हें जान से मारने की धमकी देने लगे. जिसके कारण दोनों को कई बार अपने ठिकाने बदलने पड़े.

कुछ ही महीनों पहले डॉक्टर दंपति सुरक्षित ठिकाने की तलाश में रतलाम आया. रतलाम में आए उन्हें कुछ ही दिन हुए थे कि उन पर दो बार जानलेवा हमला करने की कोशिश की गई. दोनों इन हमलों में बाल-बाल बच गए. यहां तक कि डॉक्टर की पत्नी को अपहरण करने की भी कोशिश की गई.

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डॉक्टर दंपति ने सुरक्षा के लिए कई बार पुलिस अधिकारियों से गुहार लगाई. पुलिस अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन तो दिया, लेकिन सुरक्षा के ठोस उपाय नहीं किए गए. पुलिस व्यवस्था से निराश होने के बाद डॉ. शर्मा ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई. इन्दौर में हाईकोर्ट ने पुलिस को दोनों को सुरक्षा देने का निर्देश दिया.

'खुद के खर्च पर हायर करें सुरक्षा गार्ड'
हाईकोर्ट द्वारा जारी निर्देश को एक सप्ताह गुजर चुका है. लेकिन रतलाम के पुलिस अधीक्षक ने अब तक डॉ. शर्मा और उनके परिवार को सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई है. डॉ. शर्मा ने बताया कि जब उन्होंने इस संबंध में रतलाम एसपी अभिषेक तिवारी से सम्पर्क किया तो उन्होंने कहा कि वे पैसा खर्च करके एक सुरक्षा एजेंसी से गार्ड की सेवाएं ले लें. वहीं, दूसरी ओर डॉ. शर्मा का कहना है कि लगातार जगह बदलने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे सुरक्षाकर्मी का वेतन दे सकें.

हिंदूवादी संगठनों से मांगी मदद
डॉ. शर्मा ने लगातार मिल रही धमकियों के चलते हिन्दूवादी संगठनों से भी कई बार मदद मांगी. उन्हे मदद मिली भी. लेकिन ये मदद भी सुरक्षा के लिहाज से नाकाफी थी. डॉ. शर्मा को डर है कि उन्हें और उनके परिवार को कभी भी मार दिया जा सकता है. उन्होंने इस संबंध में प्रदेश के गृहमंत्री और मुख्यमंत्री समेत कई बीजेपी नेताओं को भी पत्र लिखे हैं और गुहार लगाई है कि उन्हें निशुल्क सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए.

मामले में रतलाम के एसपी अभिषेक तिवारी ने बताया कि डॉक्टर दंपति को सुरक्षा प्रदान कर दी गई है. आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. तो वहीं, डॉक्टर का कहना है कि रविवार रात को बस दो पुलिस वाले उनके पास आए थे. फिर वे भी थोड़ी देर के बाद वापस लौट गए थे.

 

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